तेरे आँगन में
खेली कूदी बडी हुई में तेरे आँगन में,
बढ़ा लाड़ प्यार मिला तेरे आँगन में।
कई त्यौहार मनाए मैंने तेरे आँगन में,
रंगोली कभी दीप जलाए तेरे आँगन में।
भाई को रक्षासूत्र बाँधा तेरे आँगन में,
हम हँसे और मुस्कुराये तेरे आँगन में।
वक़्त अच्छा बुरा देखा तेरे आँगन में,
ख़ुदको हमने संभाला है तेरे आँगन में।
बाप का संघर्ष भी देखा तेरे आँगन में,
माँ की ममता भी देखी तेरे आँगन में।
दाग़ ना आने दिया तूने कभी दामन में,
बाबुल मैंने जीना सीखा तेरे आँगन में।
स्वर्ग सा सुकूँ मिला मुझे तेरे आँगन में,
अगला जन्म भी लूँ तो, तेरे आँगन में।
"निक्क" हर रंग को देखा तेरे आँगन में,
अपनों के संग को भी देखा तेरे आँगन में।
Swati chourasia
13-Jul-2022 06:20 AM
बहुत ही खूबसूरत रचना 👌
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nikksinghnikhil
13-Jul-2022 01:33 PM
जी शुक्रिया आपका
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Shnaya
12-Jul-2022 11:32 PM
बहुत खूब
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nikksinghnikhil
13-Jul-2022 01:33 PM
जी शुक्रिया आपका
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Priyanka06
12-Jul-2022 03:50 PM
बहुत सुंदर रचना
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nikksinghnikhil
12-Jul-2022 04:25 PM
जी धन्यवाद आपका
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